Sunday, January 23, 2011

नहीं बढ़ेगी आइआइटी में फीस : सिब्बल


सरकार भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आइआइटी) को और बेहतर बनाने के पक्ष में तो है, लेकिन उसके लिए फीस वृद्धि पर वह तैयार नहीं है। सरकार ने इस बाबत की गई सिफारिश को नकार दिया है। हालांकि, उसने 200 करोड़ की लागत से 50 शोध पार्कों को बनाने की मंजूरी दे दी है। इतना ही नहीं, सरकार ने फैकल्टी की कमी को पूरा करने के लिए एक पैनल बनाने पर भी अपनी रजामंदी दे दी है। आइआइटी कौंसिल की शुक्रवार को हुई बैठक में आइआइटी की स्वायत्तता और भविष्य में बेहतर नतीजों की बाबत काकोदकर कमेटी की रिपोर्ट पर चर्चा तो हुई, लेकिन उस पर सहमति नहीं बन सकी। मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कौंसिल के सदस्यों को समिति की वह सिफारिश भी गले नहीं उतरी, जिसमें उन्होंने लगभग पांच गुना फीस वृद्धि का सुझाव दिया था। सूत्रों के बैठक में मुताबिक सिब्बल ने कहा कि इससे कमजोर वर्गो के उन छात्रों के लिए दिक्कत बढ़ जाएगी, जिनमें प्रतिभा है और वे आइआइटी से पढ़कर आगे जाना चाहते हैं। इतना ही नहीं, बल्कि इससे सामान्य छात्र भी प्रभावित होंगे। वे कर्ज लेकर पढ़ने को भी आसान रास्ता नहीं मानते। बताते हैं कि सिब्बल ने सभी जरूरी पहलुओं को ध्यान में रखकर काकोदकर कमेटी से नए वित्तीय मॉडल पर फिर से रिपोर्ट तैयार करने को कहा है। कमेटी ने हॉस्टल फीस वृद्धि का भी सुझाव दिया था। कौंसिल ने इसे आइआइटी के बोर्ड ऑफ गवर्नर के फैसले पर छोड़ दिया है। बैठक में सिब्बल ने बताया कि 12वीं योजना में 50 शोध पार्क बनाये जाएंगे, जिस पर 200 करोड़ का खर्च आएगा। इसके साथ ही अभी औसतन सालाना एक हजार शोध को बढ़ाकर दस हजार करने का भी फैसला किया गया। इस पर अमल से और ज्यादा फैकल्टी की जरूरत होगी। आइआइटी में फैकल्टी की कमी को किसी हद तक पूरा करने और जरूरत पर समय से उनकी नियुक्ति की बाबत विजिटर की ओर से नियुक्त (नामिनी) किए जाने वाली फैकल्टी का पहले से ही एक पैनल बनाकर रखने पर भी सहमति बनी है। जबकि आइआइटी निदेशकों की नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी कर चयन पर भी कौंसिल ने सहमति जता दी है। बैठक में दिए गए एक प्रजेंटेशन के बाद आइआइटी पाठ्यक्रम में साइबर सिक्योरिटी को भी कैरीकुलम में शामिल करने पर सहमति बनी है। डा. आर. चिदंबरम इसका रोडमैप तैयार करेंगे, जबकि विदेश से अनुदान लेने के मामले में प्रो. देबांग खाखर की रिपोर्ट भी मंजूर कर ली गयी है। इसके अलावा शोध के लिए संसाधनों को बढ़ाने के लिए सेमेस्टर सिस्टम के एक समान कैरीकुलम की बाबत प्रो. संजय धांडे की रिपोर्ट को भी मंजूर कर लिया गया है। कौंसिल ने मॉरीशस में भी प्रौद्योगिकी संस्थान खोलने पर रजामंदी दी, लेकिन वह आइआइटी नहीं होगा।

No comments:

Post a Comment