Wednesday, January 26, 2011

तय क्रेडिट पर डिग्री पाएंगे आइआइटियन


सब कुछ योजना के तहत हुआ तो नए सत्र से देश के सभी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आइआइटी) में छात्रों की मूल्यांकन प्रणाली बदल जाएगी। अब तय क्रेडिट लाने पर ही छात्रों को डिग्री मिल जाएगी। हालांकि कम्युलेटिव इंडेक्स प्वाइंट (सीपीआइ) जारी रहेगा, लेकिन उसके खराब होने का भूत नहीं सताएगा। मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल और संस्थानों के निदेशकों की उपस्थिति में आइआइटी काउंसिल ने उक्त फैसला किया। मूल्यांकन प्रणाली बदलने के सुझाव आइआइटी निदेशक प्रो.संजय गोविंद धांडे ने रखे थे। उन्होंने बताया कि संस्थान में छात्रों को 40 कोर्स करने होते हैं। इसके लिए सीपीआई प्रणाली लागू है। इसमें छात्र का किस पाठ्यक्रम में कैसा प्रदर्शन है? प्रोजेक्ट व प्रैक्टिकल कितने किये? आदि के आधार पर उसे अगली कक्षा में स्थान मिलता है। यदि किसी में प्रदर्शन कमजोर रहा तो सीनेट फैसला करती है। तय सीमा से न्यून प्रदर्शन पर छात्र को एकेडमिक टर्मिनेशन का शिकार होना पड़ता है। काउंसिल ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है कि सीपीआइ प्रणाली जारी रहेगी परंतु अब कोर्स का प्रदर्शन देखने के बजाय छात्र को हर सेमेस्टर में किये कार्य के लिए निर्धारित क्रेडिट दिये जाएंगे। ये क्रेडिट उसके खाते में जमा होते रहेंगे। कोर्स समाप्त होने पर कुल क्रेडिट (निर्धारित या उससे अधिक होने पर डिग्री दे दी जाएंगी। उन्होंने बताया कि सभी आइआइटी की सीनेट पहले की तरह स्वायत्त रहेंगी। कोर्सवार क्रेडिट तय करने, कितने क्रेडिट लाने पर डिग्री दी जायेगी? कितने क्रेडिट तक के छात्रों को अकादमिक निष्कासन का शिकार होना पड़ेगा। कितने क्रेडिट तक उसे सीनेट में अपील का मौका मिलेगा? डिग्री पूरी करने के लिए अधिकतम समय कितने साल होगा? इसके निर्धारण का अधिकार सभी संस्थानों की सीनेट का होगा। अलग-अलग संस्थानों की क्रेडिट का मूल्य अलग अलग हो सकता है परंतु इससे छात्रों को सीपीआई ठीक रखने का भूत नहीं सताएगा। छात्र के लिए एक-दो सेमेस्टर के बाद किसी और संस्थान में जाना आसान हो जाएगा। पीजी, पीएचडी व शिक्षक बढ़ाने का बना रोडमैप : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों की संयुक्त परिषद (आइआइटी काउंसिल) ने संस्थानों में परास्नातक व पीएचडी छात्रों की संख्या बढ़ाने और शिक्षकों की कमी दूर करने का रोडमैप स्वीकार कर लिया।



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