Sunday, January 16, 2011

पॉलीटेक्निक में अब नहीं चलेगा फोटो का खेल

पॉलीटेक्निक संयुक्त प्रवेश परीक्षा में सेंधमारी करने वाले मुन्ना भाइयों पर नकेल कसने के लिए कमर कस ली गई है। प्रवेश परीक्षा फार्म से लेकर परीक्षा तक के नियम-कायदों में व्यापक बदलाव किये गए हैं ताकि गत वर्ष की तरह फिर धांधली न हो सके। प्रदेश के पॉलीटेक्निक संस्थानों में प्रवेश के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है। परीक्षा में धांधली करने के लिए पहले से ही तरह-तरह के खेलों की कूटनीति बनने लगती है। बीते साल बड़े स्तर पर धांधली सामने आई और तकरीबन 70 प्रवेश निरस्त किये गए हैं। आरोपियों के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज हुई। तकरीबन 50 मामले अभी भी लंबित हैं, जिनपर कार्रवाई होनी है। बड़े पैमाने पर होने वाले इन खेलों का आधार फोटो हैं। इसमें मिक्ंिसग करके दूसरों को परीक्षा में शामिल किया जाता है। धांधली कई किस्मों में होती है और सबसे लिए अलग-अलग रेट फिक्स होते हैं। फोटो की मिक्ंिसग काम न आए अभ्यर्थियों के लिए बाध्यता रखी गई है कि वे ब्लैक एंड व्हाइट फोटो का ही प्रयोग करें। रंगीन फोटो का इस्तेमाल करने पर अभ्यर्थी प्रवेश से वंचित हो जाएंगे। इस फोटो की दस प्रतियां सुरक्षित रखनी होंगी जो आगे की प्रक्रिया में प्रयोग की जाएंगी। फोटो सुरक्षित न रखने पर भी अभ्यर्थियों को परेशानी झेलनी पड़ सकती है। फार्म में ब्लॉट लेटर (कैपिटल लेटर) में अभ्यर्थियों के हस्ताक्षर भी मान्य नहीं किये जाएंगे। हस्ताक्षर केवल रनिंग हैंडराइटिंग में करने होंगे। फार्म पर इस बार अभ्यर्थी और पिता ने नाम के साथ माता का नाम भी अनिवार्य किया गया है, ताकि अभ्यर्थी की पहचान और पुख्ता की जा सके। अभ्यर्थियों को अपना स्थायी पता भी इस बार लिखना होगा। संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद के सचिव एसके गोविल ने कहा कि परीक्षा की शुचिता, पवित्रता और वैधता बनाए रखने के लिए नियमों में कई बदलाव किए गए हैं। अराजकतत्वों को हावी होने का कोई मौका नहीं दिया जाएगा।

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