Sunday, January 23, 2011

वोकेशनल कोर्स में भी अब होगी पीएचडी


व्यावसायिक शिक्षा में स्कूली पढ़ाई से लेकर पीएचडी तक की डिग्री हासिल की जा सकेगी। इसके लिएआसान ऋण भी मिलेगा। मदरसों से निकले छात्र और वयस्क उम्र वाले भी अपनी सुविधा और काबिलियत के अनुसार वोकेशनल कोर्स कर सकेंगे। इन सभी को वोकेशनल एजूकेशन क्वालीफिकेशनफ्रेमवर्क (एनवीईक्यूएफ)के तहत प्रमाणपत्र, डिप्लोमा अथवा डिग्री दी जाएगी जो देश और विदेश दोनों जगह मान्य होगी। एनवीक्यूएफको बृहस्पतिवार को राज्य सरकारों ने अपनी मंजूरी दे दी।
मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बलजल्द ही पाठक्रम तैयार करने के लिएराज्यों के प्रतिनिधित्व वाली समिति गठित करेंगे जो मई तक काम निपटा लेगी। इसके बाद सिब्बलवित्त मंत्रालय से बात करेंगे। वह इसे केंद्रीय योजना के रूप में लागू करना चाहते हैं। उनका मानना है कि स्कूल से विश्वविद्यालय तक ग्रेडिंगके आठ स्तरों वाले फ्रेमवर्कके लिएअलग से बुनियादी ढांचा नहीं बनाना होगा। सिर्फ शिक्षकों या उपकरणों की जरूरत होगी यानी सरकार पर कोई बहुत बड़ा बोझ नहीं पड़ेगा। बृहस्पतिवार को राज्यों के शिक्षा मंत्रियों की बैठक में सिब्बलने रोजगार के अवसर देने वाली शिक्षा को समय की जरूरत बताया। उन्होंनेकहा कि 10वींसे 12वींकक्षा के बीच लगभग 4.41करोड़ बच्चेपढ़ाई अधूरी छोड़ देते हैं। व्यावसायिक कोर्स से यह संख्या घटाने में मदद मिलेगी। सरकार का लक्ष्य सालाना 25फीसदी स्कूली बच्चों को व्यावसायिक शिक्षा से लैस करना है।
फिलहाल भारत में ऐसे बच्चों की तादाद महज 4.8फीसदी है जबकि जर्मनी में 65फीसदी और चीन में 50फीसदी से ऊपर है। बैठक में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा समेत 15राज्यों के शिक्षा मंत्री शामिल हुएजबकि पिछली बार इनकी संख्या महज चार थी। सिब्बलने राज्यों को स्थानीय परंपरा, कौशल, तेजी से बढ़ते क्षेत्रों के अलावा उन स्कूलों और संस्थानों की पहचान को भी कहा जहां कोर्स शुरू किया जा सके।

 

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