Friday, January 7, 2011

एमओयू में ७ लाख ,४ माह में बंटे सिर्फ १ हजार

बिल गेट्स की कंपनी माइक्रोसॉफ्ट और राजस्थान यूनिवर्सिटी के बीच हुए एमओयू का फायदा चार महीने बाद भी ज्यादातर स्टूडेंट्स को नहीं मिल पाया है। करार के तहत कंपनी के सर्वाधिक लोकप्रिय 10 सॉफ्टवेयर वाले प्रोगाम यूनिवर्सिटी के 7 लाख स्टूडेंट्स को मुफ्त दिए जाने थे, लेकिन इसे यूनिवर्सिटी की लेटलतीफी ही मानें, अब तक केवल एक हजार स्टूडेंट्स तक यह पहुंच पाया है। पिछली 15 नवंबर को हुए एमओयू में जोरशोर से घोषणा की गई थी कि यूनिवर्सिटी और 858 संघटक कॉलेजों के स्टूडेंट्स को यह प्रोगाम 16 नवंबर से वितरित किया जाएगा।
ये था सॉफ्टवेयर
यूनिवर्सिटी इंफोनेट के डायरेक्टर अशोक नागावत का कहना है कि ड्रीम स्पार्क प्रोगाम में विजुअल स्टूडियो 2010, विंडोज सर्वर 2008, एक्स एनए स्टूडियो 4, विजुअल बेसिक 2008, विजुअल सी प्लस 2008, एक्स एनए स्टूडियो 3.1, एसक्यूएल सर्वर एक्सप्रेस माइक्रोसॉफ्ट, विजुअल वेब डवलपर, माइक्रोसॉफ्ट मल्टी प्वाइंट, छात्रों को निशुल्क उपलब्ध कराया जाना था। ये हर सब्जेक्ट के स्टूडेंट्स के लिए मददगार है, खासकर विज्ञान वालों के लिए।
माइक्रोसॉफ्ट के अधिकारी हैरान
माइक्रोसॉफ्ट से जुड़े अधिकारियों ने यूनिवर्सिटी के इंफोनेट डिपार्टमेंट में संपर्क किया तो वे हैरान रह गए। दरअसल वे जानना चाहते थे कि प्रथम फेज में ही तीन लाख कोड भेजे थे, वे अगर खत्म हो गए हैं तो द्वितीय फेज के तहत और कोड भेजेंगे, अब तक केवल एक हजार ही बंटे है।
ऐसे होता है इंस्टॉल
सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करने के लिए माइक्रोसॉफ्ट की वेबसाइट पर डाउनलोड का ऑप्शन क्लिक करना पड़ता है। माइक्रोसॉफ्ट ने प्रत्येक स्टूडेंट के लिए एक कोड नंबर दिया है, जिसको ऑनलाइन भरने पर सॉफ्टवेयर इंस्टॉल हो जाता है। यूनिविर्सिटी में अब तक सेंटर फॉर कंनवर्जिग टेक्नोलोजी (सीसीटी) के स्टूडेंट्स को ही ये सॉफ्टवेयर दिया गया है।

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