लखनऊ विश्वविालय में कृषि संकाय खुलने से जनपद के छात्रों के लिए कृषि क्षेत्र में अपार अवसर उपलब्ध होंगे। कृषि संकाय खुलने से इस क्षेत्र में नित-नए शोध तो होंगे ही साथ ही इस क्षेत्र में उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाले इच्छुक छात्रों के लिए भी यह सुअवसर हाथ लगेगा। गौरतलब है कि वर्तमान में कृषि पाठ्यक्रम लविवि के बॉटनी विभाग से संचालित हो रहा है। इसके लिए पृथक संकाय स्थापित नहीं किया गया है। आगामी विा परिषद की बैठक में कृषि संकाय खोलने के मुद्दे पर विचार किया जाएगा। जिसपर सहमति बनने की पूरी उम्मीद है।
वर्ष 2009 में लखनऊ विश्वविालय ने अपने कार्य क्षेत्र का विस्तार करते हुए पूरे जनपद को अपने अधिग्रहण में लिया। इस वजह जनपद में संचालित सभी कॉलेज लविवि से संबद्घ हो गए। इससे पूर्व कई एक दर्जन से भी ज्यादा कॉलेज कानुपर विश्वविालय से संबद्घ थे। इस कार्रवाई के चलते बीकेटी स्थित कृषि महाविालय भी लविवि से संबद्घ हो गया। इसी के चलते लविवि में कृषि संकाय खोलने की जरूरत महसूस की गई। इसके लिए अधिनियम में बदलाव का प्रस्ताव तैयार कर कुलाधिपति को प्रेषित किया जाएगा। नया संकाय खुलने से जनपद में भी कृषि की पढ़ाई सुचारू हो जाएगी। इससे पहले छात्रों को फैजाबाद विवि, कानपुर विवि समेत प्रदेश के अन्य विवि का मुख देखना पड़ता था।
लविवि में कृषि संकाय खुलने से इस क्षेत्र में नए कॉलेज खुलने की उम्मीद बढ़ी है। जो पहले से स्थापित हैं, वे भी अपने यहां कृषि के पाठ्यक्रमों की मान्यता ले सकेंगे। इससे जनपद के छात्रों को कृषि पाठ्यक्रम में उच्च शिक्षा ग्रहण के लिए दर-दर नहीं भटकना पड़ेगा। इसके साथ ही इस क्षेत्र में शोध के अवसर भी बढ़ेंगे।
वर्ष 2009 में लखनऊ विश्वविालय ने अपने कार्य क्षेत्र का विस्तार करते हुए पूरे जनपद को अपने अधिग्रहण में लिया। इस वजह जनपद में संचालित सभी कॉलेज लविवि से संबद्घ हो गए। इससे पूर्व कई एक दर्जन से भी ज्यादा कॉलेज कानुपर विश्वविालय से संबद्घ थे। इस कार्रवाई के चलते बीकेटी स्थित कृषि महाविालय भी लविवि से संबद्घ हो गया। इसी के चलते लविवि में कृषि संकाय खोलने की जरूरत महसूस की गई। इसके लिए अधिनियम में बदलाव का प्रस्ताव तैयार कर कुलाधिपति को प्रेषित किया जाएगा। नया संकाय खुलने से जनपद में भी कृषि की पढ़ाई सुचारू हो जाएगी। इससे पहले छात्रों को फैजाबाद विवि, कानपुर विवि समेत प्रदेश के अन्य विवि का मुख देखना पड़ता था।
लविवि में कृषि संकाय खुलने से इस क्षेत्र में नए कॉलेज खुलने की उम्मीद बढ़ी है। जो पहले से स्थापित हैं, वे भी अपने यहां कृषि के पाठ्यक्रमों की मान्यता ले सकेंगे। इससे जनपद के छात्रों को कृषि पाठ्यक्रम में उच्च शिक्षा ग्रहण के लिए दर-दर नहीं भटकना पड़ेगा। इसके साथ ही इस क्षेत्र में शोध के अवसर भी बढ़ेंगे।
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