Thursday, February 3, 2011

रेडियो टैग पहनाने वालों को क्यों मिले विवि खोलने की अनुमति


सरकार विदेशी विश्वविद्यालयों के लिए देश के दरवाजे खोलने को भले ही आतुर हों, लेकिन उसकी यह कोशिश संसदीय समिति के गले के नीचे नहीं उतर रही है। समिति के कई सदस्यों ने विदेशी शिक्षण संस्थान (प्रवेश नियमन एवं संचालन) विधेयक लाने पर ही सवाल उठा दिया है, जबकि कई सदस्यों ने उसके प्रावधानों पर आपत्ति जताई है। यहां तक कि कुछ सदस्यों ने अमेरिका में भारतीय छात्रों को रेडियो टैग बांधने का मुद्दा उठाकर भी विदेशी विवि के प्रवेश का विरोध किया। सूत्रों के मुताबिक मानव संसाधन विकास मंत्रालय से जुड़ी संसद की स्थायी समिति की सोमवार को हुई बैठक में विदेशी शिक्षण संस्थान (प्रवेश नियमन एवं संचालन) विधेयक-2010 पर कई सदस्यों ने आपत्ति जताई। बताते हैं कि एक सदस्य ने कहा कि अमेरिका में भारतीय छात्रों की टांगों में रेडियो टैग बांधे गए हैं, फिर भी सरकार उनके लिए दरवाजे खोलने जा रही है। आखिर इसका औचित्य क्या है? कुछ सदस्यों ने यह कहकर विधेयक का विरोध किया कि हार्वर्ड व आक्सफोर्ड जैसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय तो भारत में आने को तैयार नहीं हैं, बाकी जो आएंगे, क्या गारंटी है कि वे फर्जी न हों। उनका मकसद यहां आकर सिर्फ कमाई करना होगा। लिहाजा उनको यहां आने की छूट नहीं दी जानी चाहिए। सदस्यों ने यह भी सवाल उठाया कि शिक्षा समवर्ती सूची का विषय है, जबकि सरकार ने विधेयक में राज्यों से समुचित मशविरा नहीं किया है। एक सदस्य ने कहा कि विधेयक हड़बड़ी में बनाया गया है और उसमें कई खामियां हैं। बैठक में मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल व कांग्रेस सांसद राहुल गांधी समेत संसदीय समिति के दूसरे सदस्य भी मौजूद थे।

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