Thursday, February 10, 2011

अब मोबाइल पर इंजीनियरिंग की पढ़ाई

अब आप अपने मोबाइल से भी इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर सकेंगे। बशर्ते आपके मोबाइल में इंटरनेट की सुविधा होनी चाहिए। गूगल, अमेजन जैसी विश्वस्तरीय खोजी वेबसाइट से मुकाबला करते हुए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मद्रास (आइआइटी-एम) ने एक राष्ट्रीय स्तर का सर्वर तैयार किया है जिस पर अपलोड की गई शैक्षणिक सामग्रियों को मोबाइल फोन से भी डाउनलोड किया जा सकता है। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी उन्नयन शिक्षा कार्यक्रम (एनपीटेल) के तहत मानव संसाधान विकास मंत्रालय ने छात्रों की सुविधा के लिए वेब और वीडियो प्रारूप में इंजीनियरिंग, प्रबंधन और विज्ञान के स्नातकोत्तर कोर्स पेश किए हैं। इस पर समाजिक विज्ञान के स्नातकोत्तर कोर्स से जुड़ी सामग्री भी रखी गई है। आइआइटी-एम के निदेशक एम.एस. अनंत ने इस राष्ट्रीय सर्वर को अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रौद्योगिकी क्षमता वाला बताया और कहा कि इस पर वेब और वीडियो प्रारूप में पठन सामग्री रखी गई है। वेब प्रारूप में 125 कोर्स और वीडियो प्रारूप में 135 कोर्स पेश किए गए हैं। प्रत्येक कोर्स में विभिन्न आइआइटी और आइआइएससी के बेहतरीन शिक्षकों के करीब 40 घंटे के लेक्चर रखे गए हैं। मानव संसाधान विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने इस बारे में कहा कि यह एक शानदार उपलब्धि है जिसके माध्यम से शिक्षा को एक नया आयाम मिला है। अब हमें यह सुनिश्चित करना है कि यह ज्ञानव‌र्द्धक के साथ मनोरंजक भी हो। इस दिशा में यह माध्यम मुक्त शिक्षा प्रदान करने में काफी मददगार होगा। इस योजना का प्रस्ताव साल 1999 में पेश किया गया था। इस कार्यक्रम के पहले चरण के माध्यम से बुनियादी इंजीनियरिंग के 16 वेब और 20 वीडियो कोर्स के साथ कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक्स, सिविल, मैकेनिकल इंजीनियरिंग के 125 वेब और 131 वीडियो कोर्स पेश किए जा रहे हैं। प्रो. अनंत ने बताया कि इस कार्यक्रम के दूसरे चरण के तहत स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर करीब 1,000 कोर्स प्रस्तावित हैं। ये कोर्स प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, प्रबंधन, विज्ञान और मानविकी के क्षेत्र में पेश किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि दूसरा चरण साल 2012 तक पूरा हो जाने की उम्मीद है। इस कार्यक्रम के तहत विभिन्न क्षेत्रों के उत्कृष्ठ शिक्षकों के लेक्चरों को पाठ्यक्रम के अनुरूप अपलोड किया गया है और कंप्यूटर के एक क्लिक से छात्र के समक्ष पूरा विषय पेश हो जाएगा। यू-ट्यूब की तरह इन विषयों से जुड़े वीडियो सर्वर पर रखे गए हैं। विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और शैक्षणिक संस्थाओं को हार्ड डिस्क उपलब्ध कराई गई हैं और इसे बीएसएनएन नेटवर्क की मदद से डाउनलोड किया जा सकता है। अनंत ने कहा कि इस कार्यक्रम का दूसरा चरण पूरा हो जाने के बाद इस पर 20 हजार घंटे की सामग्री मौजूद होगी जो संभवत: शैक्षणिक माध्यम में दुनिया का सबसे बड़ा संग्राहक होगा। इस कार्यक्रम के तहत देश में मौजूद उत्कृष्ठ शिक्षकों को ऑनलाइन माध्यम से इससे जोड़ा जा रहा है ताकि शिक्षकों की कमी को सूचना संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) माध्यम से दूर की जा सके

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