Thursday, February 3, 2011

व्यावसायिक शिक्षा पर अलग बोर्ड के गठन पर विचार


बच्चों की रचनात्मक क्षमता के विकास और रोजगार के नए अवसर सृजित करने के उद्देश्य से सरकार व्यावसायिक शिक्षा पर अलग बोर्ड गठित करने पर विचार कर रही है। मानव संसाधान विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि व्यावसायिक शिक्षा की ढांचागत विकास योजना के तहत अलग बोर्ड बनाने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि इस विचार को राज्यों के साथ विचार विमर्श के बाद ही अंतिम रूप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत पाठ्यक्रम विकास एवं मूल्यांकन में व्यावसायिक क्षेत्र दक्षता परिषद (वोकेशनल सेक्टर स्किल काउंसिल) सहयोग करेंगे। अधिकारी ने बताया कि व्यावसायिक शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षकों के प्रशिक्षण पर विशेष जोर दिया जाएगा और व्यावहारिक प्रशिक्षण को खासी तवज्जो दी जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसा देखा गया है कि पिछले कई वर्षो में विभिन्न विषयों के पाठ्यक्रमों में कोई बदलाव नहीं किए गए हैं जिसके कारण बदलते समय में शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हुई है। इसे ध्यान में रखते हुए व्यावसायिक शिक्षा के पाठ्यक्रम में तीन वर्षो में कम से कम एक बार बदलाव एवं समीक्षा करने का प्रस्ताव किया गया है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने व्यावसायिक शिक्षा पर जोर देते हुए दक्षता विकास मिशन (स्किल डवलपमेंट मिशन) के गठन की घोषणा की है। अधिकारी ने कहा कि वर्तमान समय में देश में व्यावसायिक शिक्षा एवं दक्षता उन्नयन से जुड़े संस्थाओं में 31 लाख लोगों प्रशिक्षित करने की क्षमता है जिसे बढ़कर एक करोड़ करने की योजना है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में शिक्षा के वर्तमान स्वरूप के तहत छात्र 18 वर्ष की उम्र से व्यावसायिक शिक्षा ग्रहण करते हैं जबकि दुनिया के कई देशों में कम उम्र से ही व्यावसायिक शिक्षा प्रदान की जाती है। मसलन, ब्रिटेन में व्यावसायिक शिक्षा के लिए बच्चों की उम्र 14 वर्ष, चीन में 12 वर्ष, फ्रांस में 11 वर्ष और ब्राजील में 16 वर्ष है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय का मानना है कि छोटे देश अधिक उम्र में बच्चों को व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करना वहन कर सकते हैं लेकिन भारत जैसे बड़े एवं घनी आबादी वाले देश में यह माध्यमिक स्तर से ही शुरू होनी चाहिए। आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में 15 से 29 आयु वर्ग के 2 प्रतिशत लोग ही औपचारिक तौर पर दक्षता हासिल किए हुए हैं। जबकि जर्मनी में यह संख्या 65 प्रतिशत, चीन में 50 प्रतिशत और जापान में 40 प्रतिशत है। व्यावसायिक शिक्षा के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार ने अगले कुछ वर्षो में 50 हजार दक्षता उन्नयन केंद्र और।,600 आईटीआई स्थापित करने की योजना बनाई है।



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