Sunday, March 27, 2011

डिग्री कालेज से महंगी नर्सरी की पढ़ाई


एक बच्चे को नर्सरी कराने से कहीं आसान है चार बच्चों को डिग्री दिलाना। सहज आपको भी यकीन नहीं आएगा, लेकिन यह सोलह आने सच है। नर्सरी में एक बच्चे का साल भर का खर्च 50 हजार से अधिक बैठ रहा है, जबकि मास्टर डिग्री का सिर्फ 11 हजार रुपये। आजकल राजधानी के स्कूलों में प्रवेश चल रहे हैं। फीस से लेकर तमाम मदों में दी जाने वाली राशि सुनकर किसी के भी होश उड़ सकते हैं। राजधानी में चार तरह के स्कूल हैं, इनमें दो-दो कमरों के घरों में चल रहे गली मोहल्ले के स्कूल, मध्यम स्तर के स्कूल, पुराने और प्रतिष्ठित कहे जाने वाले स्कूल तथा बड़ी कंपनियों के ब्रांडेड प्ले स्कूल। एलकेजी में प्रवेश के लिए इन स्कूलों में प्रवेश शुल्क, ट्यूशन फीस, सिक्यूरिटी मनी, विकास शुल्क, किताबें, यूनीफार्म आदि का सालाना खर्च 20 हजार से लेकर 80 हजार रुपये तक है। वही, केंद्रीय विवि, राज्य सरकार के विवि और डीम्ड विश्वविद्यालयों में सामान्य विषय में स्नातकोत्तर डिग्री करने के लिए सालाना खर्च सात हजार रुपये से लेकर 15 हजार रुपये के बीच है। इस बारे में बात करने पर महाविद्यालय के प्रवक्ता और शिक्षक नेता डॉ. डीके त्यागी ने कहा, निजी स्कूलों की मनमानी जगजाहिर है, लेकिन इनकी ओर देखने की हिम्मत न प्रशासन जुटा पा रहा है और न ही शिक्षा विभाग, ऐसे में आम आदमी को ही पिसना पड़ता है। यह हकीकत डरावनी है और आम आदमी को बेहतर शिक्षा के दावे की पोल खोलने के लिए भी काफी है।


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