Monday, March 14, 2011

बुंदेलखंड के हर जिले में होगा सेंट्रल स्कूल


 केंद्र सरकार का प्रयास रंग लाया तो बंुदेलखंड के हर जिले में सेंट्रल स्कूल खुलेगा। इनके खुलने से बुंदेलखंड क्षेत्र के बच्चों को सस्ती व गुणवत्तापरक शिक्षा मिल सकेगी। इन विद्यालयों को सिविल क्षेत्र में खोलने के लिए जिलाधिकारियों से भूमि का प्रस्ताव मांगा गया है। सेंट्रल स्कूल की तीन श्रेणियां होती हैं। डिफेंस क्षेत्र, किसी बड़ी परियोजना परिसर या शहरी इलाकों में खुलने वाले सिविल श्रेणी के स्कूल। केंद्रीय विद्यालय के क्षेत्रीय कमिश्नर कार्यालय, अलीगंज के एक अधिकारी बताते हैं कि सर्व शिक्षा अभियान शुरु होने के बाद केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने सेंट्रल स्कूलों के विस्तार की योजना तैयार की है। इसके अनुसार बुंदेलखंड के हर जिले में सेंट्रल स्कूल खोले जाएंगे। जिलों में केंद्रीय कर्मचारियों की खासी संख्या है जिन्हें सेंट्रल स्कूल खुलने पर विशेष रूप से राहत मिलेगी। राज्य में इस वक्त 35 जिलों में केंद्रीय विद्यालय संचालित हो रहे हैं। जिन जिलों में केंद्रीय विद्यालय नहीं हैं वहां भी सिविल श्रेणी के केंद्रीय विद्यालय खोलने की योजना है। सिविल क्षेत्र के सेंट्रल स्कूल की प्रबंध समिति का अध्यक्ष जिलाधिकारी होता है। संबंधित जिलाधिकारियों को कम से कम दस एकड़ भूमि चिन्हित कर विद्यालय से जुड़ा प्रस्ताव भेजने को कहा गया है। सभी जिलों से प्रस्ताव मिलने के बाद इसे केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय भेज दिया जाएगा। यहां से निर्देश मिलने के बाद आगे की कार्रवाई शुरु होगी। इटावा व श्रावस्ती समेत कई जिलों में भी सेंट्रल स्कूल खोलने के लिए भूमि से जुड़ा जिलाधिकारी का प्रस्ताव प्राप्त हो चुका है। इन स्कूलों में प्रवेश केंद्रीय विद्यालयों के लिए बने मानकों के अनुसार ही होगा। गौरतलब है कि बुंदेलखंड का पिछड़ापन दूर करने के लिए कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने विशेष तौर पर सक्रियता दिखाई है। विकास परियोजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर केंद्र और राज्य सरकार में तनातनी भी देखी गई है। राज्य में अगले साल चुनाव को लेकर सभी दलों की सक्रियता भी बढ़ गई है। खासकर कांग्रेस ने हर इलाके में केंद्रीय योजनाओं पर खासा जोर देना शुरू कर दिया है|

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