Monday, March 7, 2011

यूपी में एक-एक भवन में पांच-पांच स्कूल


केंद्र सरकार ने सबको शिक्षित करने के बड़े लक्ष्य के साथ सर्वशिक्षा अभियान शुरू किया था लेकिन अफसरों ने इस महत्वाकांक्षी योजना का मकसद ही बदल दिया। शिक्षकों की कमी हो या स्थान का अभाव, अफसरों के तुगलकी फरमान से इन्हें बटोरकर एक बड़े से स्कूल के आंगन में पहुंचा दिया। एक-एक कमरे में पांच-पांच कक्षाएं लगती हैं। एक-एक शिक्षक के हवाले चल रहे इन स्कूलों में अगर कोई शिक्षक गैर शिक्षा कार्य पर जाता है तो उसके स्कूल की देखभाल पड़ोसी करता है। जिले के ताजगंज टीले पर बने भवन में प्राइमरी विद्यालय ताजगंज प्रथम, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ और पंचम नाम से पांच विद्यालय चल रहे हैं। सभी स्कूलों को मिलाकर कुल छात्र संख्या करीब 170 है। इसी प्रकार अशोक नगर प्राइमरी विद्यालय के भवन में तीन कमरे हैं और तीनों में एक-एक विद्यालय। यह हैं प्राथमिक पाठशाला अशोक नगर, प्राथमिक कन्या पाठशाला और जूनियर हाईस्कूल शाहगंज। तीनों स्कूलों की कुल छात्रसंख्या महज 150। कोतवाली के पास गुड़ की मंडी स्कूल परिसर में पांच विद्यालय संचालित हैं। इसमें प्राइमरी विद्यालय गुड़ की मंडी, प्राइमरी विद्यालय चारतोर, प्राइमरी स्कूल लुहार गली, प्राइमरी स्कूल मोती कटरा और जूनियर हाईस्कूल गुड़ की मंडी शामिल हैं। किसी में छात्र संख्या 40 है, तो किसी में 50 गौरतलब है कि शासन ने विद्यालयी मान्यता के लिए एक किमी परिधि का नियम बनाया है। कवायद थी कि एक किमी परिधि में रहने वाले बच्चे एक ही स्कूल में दाखिला लेकर बेहतर शिक्षा ले सकें, लेकिन आगरा में एक किमी की परिधि में कुकुरमुत्तों की तर्ज पर परिषदीय स्कूलों की संख्या ही दर्जनों में हैं। आंकड़ों के अनुसार नगर क्षेत्र में करीब 50 स्कूल ऐसे हैं, जो दूसरे स्कूलों के भवनों में संचालित हो रहे हैं। विजय नगर कालोनी से लेकर घटिया तक प्राइमरी स्कूलों की संख्या करीब 10 है, जबकि इन विद्यालयों की कुल छात्र संख्या 400 से ज्यादा नहीं। प्राथमिक शिक्षक संघ के सदस्य कमलेंद्र शर्मा का कहना है कि एक भवन में कई स्कूल संचालित होने से शिक्षा की गुणवत्ता नहीं रहती। इस संबंध में मैंने शासन को अवगत कराया था। अच्छा हो कि एक भवन के सभी स्कूलों को एक विद्यालय के रूप में चलाया जाए। इस बारे में बात करने पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सत्येंद्र कुमार ने कहा, शासन की ओर से विद्यालयी एकीकरण के आदेश आए हैं। नगर और ब्लॉक शिक्षा अफसरों को दिशा निर्देश देकर एक भवन में संचालित स्कूलों को अन्य विद्यालयों में समायोजित करने को कहा गया है।


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