Tuesday, March 22, 2011

खुद की डिग्री दे सकेंगे जाने-माने कॉलेज


 बेहतरीन पढ़ाई और शोध के मामलों में उच्च शिक्षा में अपनी पहचान बना चुके संस्थानों का रुतबा और बुलंद हो सकता है। उन्हें अपने छात्रों को खुद डिग्री देने की छूट मिल सकती है। सरकार इसके लिए अलग से कानून बनाएगी। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक देश के उन जाने-माने कॉलेजों को अपने छात्रों को पढ़ाई पूरी करने के बाद खुद ही डिग्री देने की छूट के बारे में सैद्धांतिक रूप से फैसला हो चुका है। यह कैसे होगा? उसके लिए एक कमेटी भी बना दी गई है। बताते हैं कि इसके लिए उन कॉलेजों में पढ़ाई-लिखाई के इतिहास को उस रूप में परखा जाएगा कि शिक्षा के क्षेत्र में कई वर्षो का उनका रिकार्ड कैसा रहा है। साथ ही उन्हें नेशनल असेसमेंट एंड एक्रीडिटेशन कौंसिल में कम से कम ए श्रेणी में पंजीयन जरूरी होगा। ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट स्तर के कालेजों को उनकी काबिलियत के लिहाज से डिग्री देने की छूट होगी। उस स्थिति में उन्हें किसी विश्वविद्यालय से संबद्धता की जरूरत नहीं होगी। इसी तरह अनुसंधान के मामलों भी अपनी अलग पहचान रखने वाले संस्थानों को भी यह छूट दी जाएगी। उनके मामले में भी कई तरह की पड़ताल होगी और मानकों पर खरे होने पर उन्हें भी यह मौका दिया जा सकता है। अभी विश्वविद्यालयों या फिर डीम्ड विश्वविद्यालयों को ही डिग्री देने का अधिकार है। सूत्रों ने बताया कि इसके लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग अधिनियम में संशोधन करना होगा, जबकि जिन कॉलेजों की डिग्री की छूट होगी, उनके लिए अलग से विधेयक लाया जाएगा|

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