Saturday, April 23, 2011

मप्र में गीता सार को पाठ्यक्रम में शामिल करने का विरोध


 मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा गीता सार को स्कूल शिक्षा पाठ्यक्रम में शामिल करने के निर्देश का राज्य में विपक्षी राजनीतिक दलों और अल्पसंख्यक समुदाय ने विरोध शुरू कर दिया है। इससे पहले भी सरकार द्वारा स्कूलों में सूर्य नमस्कार शुरू कराने का विपक्षी दलों एवं अल्पसंख्यक समुदायों ने जमकर विरोध किया था। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नवनियुक्त नेता अजय सिंह राहुल ने मुख्यमंत्री के निर्देश को शिक्षा के भगवाकरण की दिशा में उठाया गया एक और कदम बताते हुए कहा है कि इसका पूरे प्रदेश में कड़ा विरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्कूलों को हवन और गीता पाठ के लिए नहीं बनाया गया है। हम सरकार के इस कदम का पूरे प्रदेश में पुरजोर विरोध करेंगे। भोपाल के आर्कबिशप डॉ. लियो कार्नेलियो ने कहा है कि यह शिक्षा प्रणाली में राज्य सरकार का अनुचित हस्तक्षेप है। यह एक पंथनिरपेक्ष देश है और हमारी अनेक धर्मो वाली संस्कृति है। कांग्रेस विधायक आरिफ अकील ने कहा कि केवल गीता सार ही क्यों, अन्य धर्मो की शिक्षा को भी पाठ्यक्रम में शामिल क्यों नहीं किया जा सकता। माकपा के राज्य सचिव बादल सरोज ने कहा है कि यह घोषणा बेतुकी है, क्योंकि दर्शन, संस्कृत एवं हिन्दी जैसे विषयों में विश्व के अनेक अन्य पौराणिक गं्रथों सहित गीता पहले से ही पाठ्यक्रम का हिस्सा रही है|

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