Monday, April 18, 2011

हकीकत बनेगा वर्चुअल विश्वविद्यालय


मोबाइल पर दोस्तों से बात करते, फेसबुक, ट्विटर पर चैटिंग करते लोग अक्सर ऐसी दुनिया में चले जाते हैं जहां दूर रहते हुए भी एक दूसरे का हालचाल जाना सकता है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), आईआईएससी ऐसे ही एक आभासी संसार का सृजन कर रहा है जिसके माध्यम से छात्र, प्रोफेसर एवं अन्य लोग पठन- पाठन का काम कर सकते हैं। वर्चुअल विश्वविद्यालय स्थापित करने से जुड़े विभिन्न आयामों की रूपरेखा तैयार करने की जिम्मेदारी आईआईटी कानपुर के निदेशक एसजी धांडे को सौंपी गई है। समिति अगले महीने मानव संसाधन मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इस परियोजना को 2012 तक अमलीजामा पहनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस परियोजना के बारे में धांडे ने बताला, 'वर्चुअल विश्वविद्यालय को अमलीजामा पहनाने के प्रस्ताव को अंतिम रूप दे दिया गया है। इस विषय पर एक रिपोर्ट तैयार की गई है जो अगले महीने मानव संसाधन विकास मंत्रालय को सौंपी जाएगी।'
व्ा च्ा र्ु अ ल्ा विश्वविद्यालय एक अनोखी पहल है जिसे कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर के माध्यम से अमल में लाया जाएगा। इसके तहत उपकरणों समेत वीडियो, ऑडियो सामग्रियों से परिपूर्ण वर्चुअल लैब को एकीकृत कमान के तहत जोड़ा जाएगा। छात्र इस प्रयोगशाला में प्रयोग कर सकते हैं या पाठ्यसामग्री को निर्देशानुसार पढ़ सकते हैं। अगर किसी छात्र को वर्चुअल लैब के माध्यम से सर्किट तैयार करना हो तो इस विषय में सभी उपकरण उपलब्ध है और उपयुक्त मात्रक वाले प्रतिरोध का उल्लेख कर छात्र सर्किट बना सकते हैं और वास्तविक आंकड़ा प्राप्त कर सकते हैं। प्रयोग करते समय किसी तरह की गलती में सुधार के बारे में भी व्यवस्था की गई है। छात्रों का मार्गदर्शन करने के लिए प्राध्यापक उपलब्ध रहेंगे। इससे समय और खर्च बचाया जा सकेगा। केवल उपकरणों आदि के स्पर्श का अनुभव लेने के लिए छात्रों को भौतिक प्रयोगशाला में जाने की जरूरत होगी। वर्चुअल विश्वविद्यालय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की महत्वाकांक्षी परियोजना है जिसे सूचना संचार प्रौद्योगिकी के माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा मिशन (एनएमईआईसीटी) के तहत मंजूरी दी गई थी। इसे तैयार करने की दिशा में 150 वर्चुअल लैब का नेटवर्क तैयार किया गया है और प्रत्येक लैब में 10 प्रयोग किए जा सकते हैं। इस पर 80 करोड़ रुपए का खर्च आया है। बाद में इसका विस्तार किए जाने की योजना है जिसपर 200 करोड़ रुपए खर्च हो सकते हैं। परियोजना को 2012 तक अमलीजामा पहनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसपर Rs 4,600 करोड़ खर्च का अनुमान है। इस विश्वविद्यालय के माध्यम से 1,000 पाठ्यक्र म पेश किए जाने की योजना है। इस संबंध में 260 कोर्स तैयार किये गए हैं जिसमें 135 वीडियो एवं 125 वेब कोर्स से जुड़ी सामग्री है। गौरतलब है कि वर्चुअल विश्वविद्यालय की अवधारणा सबसे पहले प्रो. पी रामा राव ने तैयार की थी और आभाषी तकनीकी विश्वविद्यालय स्थापित करने की वकालत की थी।

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