Friday, April 22, 2011

इंजीनियरिंग के सभी दाखिले एक ही प्रवेश परीक्षा से


देर भले ही हो, लेकिन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आइआइटी) समेत इंजीनियरिंग की पढ़ाई वाले सभी संस्थानों में दाखिले के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक ही प्रवेश परीक्षा की कवायद शुरू हो गई है। आइआइटी प्रवेश परीक्षा में सुधार के लिए बनी समिति की सिफारिश पर अमल की बाबत जल्द ही इस बारे में आम लोगों की राय ली जाएगी। आइआइटी-जेईई (संयुक्त प्रवेश परीक्षा) में सुधार के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सचिव टी. रामास्वामी की अगुवाई में बनी समिति की सिफारिशों पर गुरुवार को यहां मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल की मौजूदगी में हुई बैठक में विस्तार से चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक बैठक में कमोवेश सभी ने इंजीनियरिंग की सभी तरह की पढ़ाई के लिए दाखिलों की बाबत राष्ट्रीय स्तर पर एक ही प्रवेश परीक्षा कराने पर सहमति जताई है। हालाकि कुछ आइआइटी निदेशक इस पर सहमत नहीं हैं। लिहाजा इस पर और बेहतर निष्कर्ष के लिए आम लोगों की राय लेने का फैसला किया गया है। इसके लिए जल्द ही एक वेबसाइट शुरू की जाएगी। आम लोगों की राय के बाद एक ही प्रवेश परीक्षा के तौर-तरीकों को अंतिम रूप दिया जायेगा। सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रीय स्तर पर एक ही प्रवेश परीक्षा पर मुहर लगी तो उनकी रैंकिंग के आधार पर यह उसे पास करने वाले छात्रों पर होगा कि वे किस संस्थान में पढ़ना चाहते हैं। गौरतलब है कि अभी आइआइटी, एनआइटी के अलावा केंद्र व राज्य सरकारों के अधीन इंजीनियरिंग कालेजों में दाखिले के लिए अलग-अलग सौ से अधिक प्रवेश परीक्षा होती है। सरकार की मंशा देशभर में एक ही प्रवेश परीक्षा कराने की है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने आइआइटी-जेईई में सुधार के लिए पूर्व में दामोदर आचार्य कमेटी का गठन किया था। उस कमेटी ने इंजीनियरिंग में दाखिले के लिए 12वीं कक्षा में 60 प्रतिशत से अंक को तरजीह देने के साथ राष्ट्रीय स्तर पर एक ही प्रवेश परीक्षा की सिफारिश तो की, लेकिन यह भी जोड़ा कि उसके बाद भी आइआइटी में दाखिले के लिए अलग से एप्टीट्यूड (अभिरुचि) टेस्ट लिया जाना चाहिए, लेकिन बाद में उस पर सहमति नहीं बनी|

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