Monday, October 8, 2012

नतीजे बाद उत्तर-पुस्तिका पर होगा छात्रों का हक




ठ्ठ राजकेश्वर सिंह, नई दिल्ली विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में पढ़ाई लिखाई का माहौल बदल सकता है। प्रबंधतंत्र को दाखिलों से लेकर परीक्षाफल और संसाधनों तक में किसी कमी के लिए छात्रों के हर सवाल का जवाब देना होगा। इतना ही नहीं, यूजीसी के दिशा निर्देशों पर अमल हुआ तो नतीजे घोषित होने बाद विवि, कॉलेजों को छात्रों को उनकी उत्तरपुस्तिका की प्रति उपलब्ध करानी होगी। विवि और कॉलेजों के छात्रों को अभी भले ही पूरी तरह न पता हो, लेकिन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने उनके अधिकारों के दिशानिर्देश भी तय कर दिए हैं। अलबत्ता, इसके अमल में आने देर है। सूत्रों के मुताबिक, छात्रों के अधिकारों के मद्देनजर ही हर विश्वविद्यालय या कॉलेज को अपनी वेबसाइट पर खुद की वैधता, संबद्धता, श्रेणी, आमदनी का जरिया व वित्तीय स्थिति, कार्यकारी परिषद की बैठकों के मिनट्स, पाठ्यक्रम व उसकी अवधि, कुल फीस, शैक्षिक सत्र, परीक्षा व परीक्षाफल घोषित होने का समय, फैकल्टी की प्रोफाइल, संचालकों के नाम-पते आदि और प्रॉस्पेक्ट्स को सार्वजनिक करना जरूरी होगा। इस सब में कोई बदलाव होने पर कारण सहित इसे छात्रों को बताना अनिवार्य होगा। किसी भी जानकारी को छिपाना छात्र अधिकारों का उल्लंघन माना जाएगा। पारदर्शी दाखिला प्रक्रिया घोषित करनी होगी, जिसके दायरे से बाहर कोई दाखिला नहीं हो सकेगा। संस्थान को मेरिट लिस्ट, कट ऑफ, श्रेणी और प्रतीक्षा सूची सार्वजनिक करनी होगी। दाखिले के लिए कम से कम सात दिन का समय देना होगा। दाखिले के समय छात्रों को किसी ऐसे प्रमाण पत्र को प्रस्तुत करने को बाध्य नहीं किया जा सकता, जिसका जिक्र पहले से न किया गया हो। छात्रों को योग्य शिक्षकों, पढ़ाने और पाठ्यक्रम की अवधि के बारे में जानने का भी हक होगा। किसी छात्र को पाठ्यक्रम या मीडियम में बदलाव के चलते शुरुआती दिक्कतें आने पर उसे विशेष सहायता उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी संबंधित विश्वविद्यालय या कॉलेज की होगी। जबकि, परीक्षाफल घोषित होने के बाद कोई छात्र अपनी उत्तरपुस्तिका को देखना चाहेगा तो संस्थान को उसकी प्रति भी उपलब्ध करानी होगी। इतना ही नहीं, शैक्षिक कलेंडर में घोषित ब्योरे के मुताबिक परीक्षा व परीक्षाफल न आने पर छात्र सवाल उठा सकेंगे। नतीजे घोषित होने के 180 दिनों के भीतर छात्रों को उनकी डिग्री उपलब्ध कराने का भी प्रावधान किया गया है। यह सब कुछ न होने पर छात्र अपने ही संस्थान के खिलाफ यूजीसी से शिकायत भी कर सकेंगे।
Dainik Jagran National Edition 8-10-2012  Education    , Pej -14

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