Wednesday, December 29, 2010

एआईसीटीई के पीजीडीएम संस्थानों के लिए नए मानक

फीस तय नहीं कराई तो रद होगी मान्यता
ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्नीकल एजुकेशन (एआईसीटीई) ने पीजीडीएम संस्थानों की मान्यता के लिए मानक तय कर दिए हैं। इन मानकों में पीजीडीएम संस्थानों की मनमानी फीस पर लगाई गई लगाम सबसे महत्वपूर्ण है। इसके मुताबिक किसी भी नए या मौजूदा संस्थान को 2011-12 का नया शैक्षणिक सत्र शुरू करने से पहले राज्य की शुल्क निर्धारण कमेटी से अपने खर्चों के आधार पर फीस तय करानी होगी। साथ ही कई अन्य मानकों को पूरा करने के बाद ही एआईसीटीई से मान्यता मिलेगी।
दरअसल, पीजीडीएम संस्थानों को कोर्स चलाने के लिए एआईसीटीई से मान्यता लेनी होती है। सत्र के दाखिलों के आधार पर छात्रों का पूरा ब्योरा भेजने के बाद ही एआईसीटीई छात्रों का पंजीकरण करता है। मानकों को सख्त करते हुए एआईसीटीई के जारी सर्कुलर में कहा गया है कि पीजीडीएम संस्थान 31 मार्च से पहले नए सत्र के दाखिले शुरू नहीं करेंगे। सत्र 1 जून से शुरू होकर 31 मई तक खत्म होगा। कोई भी कोर्स 24 महीने की समयावधि से कम का नहीं होगा। दाखिले कैट, मैट या अन्य प्रवेश परीक्षाओं के आधार पर होंगे। मॉडल सिलेबस एआईसीटीई द्वारा तैयार किया जाएगा। मानक पूरा करते हुए नए सत्र की मान्यता की प्रक्रिया 30 दिसंबर से 28 फरवरी 2011 तक पूरी करनी है। इसके बाद 1 मार्च से 31 मई तक मान्यता देने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। जयपुरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के महानिदेशक डॉ. जे.डी. सिंह ने बताया कि एआईसीटीई द्वारा जारी निर्देश प्राप्त हो गए हैं। सभी मानकों को पूरा किया जाएगा।

ये हैं निर्देश

राज्य फीस नियामन समिति से तय कराना होगा शुल्क
24 महीने से कम अवधि को कोई कोर्स नहीं चलेगा
मॉडल सिलेबस एआईसीटीई ही तैयार करेगी
31 मार्च से पहले दाखिले शुरू नहीं करेंगे संस्थान
1 जून से 31 मई तक चलेगा सालाना सेशन
किसी भी प्रवेश परीक्षा के आधार पर ही दाखिले होंगे
फैकल्टी की जानकारी समेत सारा ब्योरा ऑनलाइन करें 

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