Wednesday, May 11, 2011

इंजीनियरिंग कालेजों में होगी मेट्रो रेल की पढ़ाई


अब इंजीनियरिंग के छात्र पढ़ाई के दौरान मेट्रो रेल की तकनीक को जानने में भी महारथ हासिल कर सकते हैं। चंद दिनों में औपचारिकताएं पूरी हो गई तो देशभर के तकरीबन सभी नामीगिरामी इंजीनियरिंग कालेज में मेट्रो रेल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पाठ्यक्रम में शामिल हो जाएगा। इस बाबत डीएमआरसी के प्रबंध निदेशक ई श्रीधरन ने मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल को पत्र लिखा है। मकसद यह है कि जिस तरह दिल्ली समेत देश के अन्य महानगरों में मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो रहा है, मेट्रो के बारे में जानकारी रखने वाले इंजीनियरों की कमी न हो। तीसरे चरण के तहत दिल्ली व एनसीआर में ही 140 किलोमीटर नए मेट्रो लाइन का विस्तार होने वाला है। इसके अलावा मुंबई, बंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद तथा जयपुर जैसे शहरों में मेट्रो ट्रेन चलाने के प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। ऐसे में आगामी चार से पांच साल में हजारों की संख्या में ऐसे इंजीनियरों की अचानक से जरूरत होगी, जिन्हें मेट्रो रेल इंजीनियरिंग की समझ हो। इसे देखते हुए ही गत सप्ताह ई श्रीधरन ने मानव संसाधन एवं विकास मंत्री कपिल सिब्बल को पत्र भेज कर देश के प्रमुख इंजीनियरिंग कालेजों में मेट्रो रेल इंजीनियरिंग की पढ़ाई विशेष रूप से शुरू कराने का सुझाव दिया है। उन्होंने शुरूआत में पहले सभी आईआईटी कालेज में मेट्रो इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरु करने की बात कही है। श्रीधरन द्वारा मानव संसाधन विकास मंत्री को पत्र भेजने की पुष्टि उनके ओएसडी (विशेष कार्याधिकारी) एकेपी उन्नी ने की, और कहा कि वहां से संतोषजनक जवाब भी मिला है। सूत्रों की मानें तो मंत्रालय ने आईआईटी के अलावा देश के अन्य इंजीनियरिंग कालेजों में मेट्रो रेल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कैसे छात्रों को दी जाए, इस बारे में ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्नीकल एजुकेशन (एआईसीटीई) से खाका तैयार करने को कहा है। चूंकि अभी डीएमआरसी के पास मेट्रो ट्रेन के लिए जो प्रशिक्षित इंजीनियर हैं, उन्हें भी आईआईटी दिल्ली और चेन्नई की शाखा में मेट्रो मॉडल के बारे में जानकारी देने के लिए एक साल का विशेष प्रशिक्षण दिया गया था। जिसके बाद वह सफल तरीके से काम कर रहे हैं। उनका मानना है कि अगर मंत्रालय सभी इंजीनियरिंग कालेजों में मेट्रो रेल इंजीनियरिंग से संबंधित चार वर्षीय पाठ्यक्रम की पढ़ाई शुरू करे तो इसके बेहतर नतीजे सामने आएंगे।


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