Monday, May 9, 2011

..ताकि हासिल हो सके सौ फीसदी साक्षरता


देश में बढ़ती साक्षरता दर को नई ऊंचाई देने के लिए सरकार 12वीं पंचवर्षीय योजना में उच्च साक्षरता दर वाले राज्यों में सौ फीसदी साक्षरता दर हासिल करने के लिए प्रोत्साहित करने पर विचार कर रही है। इस प्रोत्साहन के तहत इन राज्यों पर अतिरिक्त अनुदान दिया जाएगा। 2011 की जनगणना के अनुसार, वर्तमान साक्षरता दर 74 प्रतिशत है। इस दिशा में एक समूह का गठन किया गया है जो पंचवर्षीय योजना के दौरान प्राथमिक शिक्षा और साक्षरता के संबंध में योजनाओं की रूपरेखा तैयार करेगा। समूह से ऐसे उपाए सुझाने को कहा गया है जिसमें उच्च साक्षरता दर से पूर्ण साक्षरता प्राप्त करने वाले राज्यों को प्रोत्साहित किया जा सके। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अनुसार, अतिरिक्त अनुदान योजना खासकर उन राज्यों के लिए तैयार की गई हैं जहां साक्षरता दर 85 प्रतिशत से अधिक है। इनमें केरल 93.91 फीसदी के साथ पहले और लक्षद्वीप 92.28 फीसदी के साथ दूसरे स्थान पर है। इनके अलावा मिजोरम, त्रिपुरा, गोवा, दमन दीव, पुडुचेरी, दिल्ली, अंडमान निकोबार द्वीप समूह में भी साक्षरता दर 85 फीसदी से ऊपर निकल चुकी है। 12वीं पंचवर्षीय योजना के तहत 2012 से 2017 के बीच साक्षरता कार्यक्रमों को नए सिरे से आगे बढ़ाने के दौरान राज्य सरकारों को और अधिक सक्रियता से शामिल किया जाएगा। सरकार द्वारा गठित समूह ने यह भी सलाह दी है कि देश में निरक्षरता को कम करने के लिए लिंग, क्षेत्र और सामाजिक परिस्थितियों के आधार पर भी शिक्षा को बढ़ावा देना चाहिए। समूह इस संबंध में 30 सितंबर तक अपनी अंतिम रिपोर्ट पेश कर सकता है। एक अप्रैल को जारी जनगणना 2011 के आंकड़ों के अनुसार, भारत की साक्षरता पिछले दस साल में 9.21 फीसदी बढ़कर 74.04 हो गई है।


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