केंद्र सरकार की पहल
उत्तर प्रदेश में शिक्षा के प्रसार और साक्षरता दर के लक्ष्य को हासिल करने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने राज्य के लिए 10,366 नए प्राथमिक स्कूलों और 1052 नए उच्च प्राथमिक स्कूलों को मंजूरी प्रदान कर दी है। कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए दो सेट स्कूल ड्रेस भी मंजूर की गई हैं। मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल के नेतृत्व में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने सर्व शिक्षा अभियान के तहत उत्तर प्रदेश में 10,366 नए प्राथमिक स्कूल और 1052 नए उच्च प्राथमिक स्कूलों को मंजूरी प्रदान की है। जुलाई, 2011 में राज्य शिक्षा के अधिकार नियमों की अधिसूचना के अनुरूप इन स्कूलों को मंजूरी प्रदान की गई है जिसका उद्देश्य वंचित बच्चों को स्कूली शिक्षा के दायरे में लाना और उन्हें प्राथमिक शिक्षा प्रदान करना है। नए प्राथमिक स्कूलोें में प्रत्येक में दो शिक्षक उपलब्ध कराए जाएंगे जबकि उच्च प्राथमिक स्कूलों में भाषा, गणित एवं विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के लिए तीन शिक्षक उपलब्ध कराए जाएंगे। सूत्रों ने बताया ‘इन मंजूर स्कूलों के लिए 23,888 शिक्षक पद को मंजूरी प्रदान की गई है।’ केंद्र सरकार ने शहरी वंचित बच्चों के लिए 121 बहुआयामी स्कूलों को मंजूरी प्रदान की है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक कक्षा में पढ़ने वाले समाज के कमजोर और वंचित वर्ग के 1.75 करोड़ बच्चों को दो सेट स्कूल पोशाक प्रदान करने को भी मंजूरी प्रदान की गई है। केंद्र सरकार की ओर से यह कदम उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षा को सार्वभौम बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है। गौरतलब है कि 2011 की जनगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश में साक्षरता दर 69.72 प्रतिशत है जिसमें पुरुष साक्षरता 79.24 प्रतिशत और महिला साक्षरता 59.26 प्रतिशत है। 2001 की जनगणना में राज्य की साक्षरता दर 56.27 प्रतिशत दर्ज की गई थी जिसमें पुरुष साक्षरता 67.30 प्रतिशत और महिला साक्षरता 43 प्रतिशत दर्ज की गई थी। 2011 की जनगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश में साक्षरों की संख्या 11,84,23,805 थी जबकि 2001 की जनगणना में यह 7,57,19,284 रही थी। हाल की रिपोर्ट में राज्य में स्कूलों एवं शिक्षकों की भारी कमी की बात भी सामने आई थी।
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