Saturday, September 17, 2011

प्ले स्कूलों के लिए निगम व सरकार के पास नहीं कानून

नई दिल्ली राजधानी में कुकुरमुत्ते की तरह उग रहे प्ले स्कूलों पर न तो दिल्ली नगर निगम की लगाम है और न ही इन्हें रोक पाने के लिए दिल्ली सरकार के पास कोई नियम-कानून है। इसका खुलासा सूचना के अधिकार कानून के तहत मांगे गए सवालों के जवाब से हुआ है। दिल्ली नगर निगम और दिल्ली सरकार ने तो यहां तक कह दिया कि उनके पास न तो प्ले स्कूल खोलने और न ही खुले स्कूलों पर कार्रवाई करने का कोई प्रावधान है। बड़ा सवाल यह है कि अगर राजधानी के प्ले स्कूलों में कोई हादसा हो जाता है तो कौन जिम्मेदार होगा? राजधानी में करीब डेढ़ हजार प्ले स्कूल चल रहे हैं जहां सवा दो साल से साढ़े तीन साल के बच्चे पढ़ रहे हैं। सूचना के अधिकार कानून के तहत अजय कुमार शर्मा ने दिल्ली सरकार और नगर निगम से जानकारी मांगी थी कि राजधानी में प्ले स्कूल खोलने के लिए क्या-क्या नियम और कायदे-कानून हैं। अगर कोई बिना नियम और कायदे-कानून के प्ले स्कूल खोलता है तो उस पर कार्रवाई के लिए क्या नियम हैं? इन सवालों पर दिल्ली नगर के उप निदेशक (मुख्यालय) की ओर से जवाब आया कि शिक्षा विभाग, दिल्ली नगर निगम में राजधानी में प्ले स्कूल खोलने के संबंध में कोई नियम नहीं है। मतलब साफ है कि प्ले स्कूल खोलना निगम के अनुसार गैर कानूनी है। इतना ही नहीं निगम से यह भी कहा कि जब खोलने के नियम नहीं हैं तो फिर कार्रवाई कैसे होगी? यह तो रहे नगर निगम के जबाव अब आपको बताते हैं दिल्ली सरकार के जवाब। दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय के सहायक निदेशक एम. इक्का ने जवाब में कहा है कि राजधानी में प्ले स्कूल खोलने के लिए कोई नियम नहीं बना है। प्ले स्कूलों पर कार्रवाई के लिए कोई कानून भी सरकार के पास नहीं है। इसका मतलब साफ है कि एक कमरे और दो कमरे में प्ले स्कूल खोलकर दुकानदारी पर लगाम लगने वाली नहीं है

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