तीन माह से पांच खिलाड़ियों को हर सप्ताह बुलाते हैं प्रवेश समन्वयक कुलपति ने कहा, प्रवेश समन्वयक का फैसला अंतिम
लखनऊ (एसएनबी)। देश का मान बढ़ाने वाले राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों पर सरकार एक तरफ नौकरी और पैसे की बरसात कर रही है वहीं लखनऊ विश्वविद्यालय ने अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं में हिस्सा ले चुके और मेडल पाने वाले खिलाड़ियों को दाखिला देने से इंकार कर दिया है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पांच खिलाड़ी पिछले तीन महीने से लविवि में दाखिला लेने के लिए चक्कर काट रहे हैं लेकिन उन्हें दाखिला की जगह आश्वासन मिल रहा है। प्रवेश समन्वयक ने पहले छात्रों को प्रमाण पत्र के नाम इधर-उधर दौड़ाया और बाद में कहा कि कुलपति इस पर फैसला लेंगे, जबकि कुलपति का कहना है प्रवेश समन्वयक का फैसला अंतिम होगा। वर्ष 2011 में कामनवेल्थ गेम में ताईक्वांडो में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी वर्षा सिंह बीकॉम में दाखिला लेना चाहती है। ताईक्वांडो में ही नेशनल चैंपियन सत्यवान गौंड़ ने एमकॉम में फार्म भरा है। सत्यवान का ओबीसी कोटे में 27वां स्थान था। नेशनल यूनिवर्सिटी में बॉलीबाल खेल चुके मोहित एमएसडब्ल्यू में दाखिला चाहते हैं। सब जूनियर इंडिया कैंप (फुटबाल) के लिए चयनित श्रीकांत और बीसीसीआई की विजय मर्चेट ट्राफी, बोर्ड ट्राफी और यूपी की अंडर 19 टीम के सदस्य शुभांगराज बीए में दाखिला लेना चाहते हैं लेकिन इन सभी खिलाड़ियों को जून माह से हर सप्ताह बुलाया जाता है। खेल कोटेकी सीटों के लिए 16 जुलाई को कांउसलिंग थी ये छात्र काउंसलिंग में भी शामिल थे लेकिन दाखिला नहीं मिला है। वर्षा ने बताया कि प्रवेश समन्वयक प्रो. राजीव पांडेय ने कहा कि पहले एथलेटिक्स एसोसिएशन से लिखवाकर लाओ। जब एसोसिएशन से लिखवाकर लाई तो उन्होंने कहा कि यह खेल विवि में नहीं है। इसके बाद से उसने खेल दिवस के सरकार से इस खेल को लविवि में शामिल कर दिया गया। बावजूद दखिला नहीं दिया गया। सत्यवान गौंड़ ने बताया कि वह मेरिट में था ओबीसी कोटे की 34 सीटों में उसका नबंर 27वां स्थान था बावजूद दाखिला नहीं दिया गया कोई नहंी बता रहा है कि मेरिट में होने के बाद भी उसका नाम कैसे कट गया। मोहित, श्रीकांत और शुभांगराज का भी हाल कुछ ऐसा ही है। खिलाड़ियों ने मंगलवार को पत्र लेकर कुलपति प्रो. मनोज कुमार मिश्र से मिले तो उन्होंने प्रवेश समन्वयक को मार्क करते हुए कहा कि प्रवेश समन्वयक का फैसला अंतिम होगा जबकि प्रवेश समन्वयक प्रो. राजीव पाण्डेय का कहना है कि दाखिला आठ सितंबर को ही बंद हो गया है अगर उनके पास पत्र आता है तो वह प्रवेश समिति को भेजेंगे। प्रवेश समिति ही इस पर फैसला लेगी। इन छात्रों का दाखिला अभी तक क्यों नहीं की गई जबकि खिलाड़ियों का सीधा दाखिला करने का नियम है। इस बारे में प्रो. पाण्डेय ने कहा कि उनके पास हजारों छात्र रोजाना आते हैं उन्हें नहीं पता कि ये खिलाड़ी कब आये थे।
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