नई दिल्ली, एजेंसी : सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि अगले शैक्षणिक सत्र से राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित परीक्षा पास करने वाले छात्रों को ही मेडिकल कॉलेज में नॉमिनीज ऑफ गवर्नमेंट ऑफ इंडिया (एनजीओआइ) श्रेणी के तहत एमबीबीएस में प्रवेश मिले। जिस राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में पर्याप्त मेडिकल कालेज नहीं हैं, वहां के छात्र एनजीओआइ श्रेणी में आते हैं। इसमें युद्ध या आतंकी हमलों में शहीद हुए या पूर्णत: अशक्त सैनिकों या अर्द्धसैनिकों के बच्चे भी शामिल हैं। न्यायमूर्ति एके पटनायक और स्वतंत्र कुमार की पीठ ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय मेडिकल प्रवेश परीक्षा (डीयूएमईटी) में फेल किसी भी छात्र का एनजीओआइ श्रेणी के तहत प्रवेश नहीं किया जाना चाहिए। पीठ ने कहा, हम निर्देश देते हैं कि शैक्षणिक सत्र 2013-14 से एनजीओआइ श्रेणी के तहत प्रवेश के इच्छुक छात्र को एमबीबीएस के लिए आयोजित अखिल भारतीय राष्ट्रीय योग्यता-सह-प्रवेश परीक्षा में न्यूनतम निर्धारित अंक लाने होंगे। प्रवेश मेरिट के आधार पर होगा। शैक्षणिक सत्र 2012-13 के लिए डीयूएमईटी में फेल होने वाले किसी भी छात्र को एनजीओआइ श्रेणी के तहत लेडी हार्डिग मेडिकल कॉलेज, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज में दाखिला नहीं दिया जाएगा। अदालत ने यह निर्देश दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।
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