Tuesday, October 16, 2012

एक विद्यालय, 30 बच्चे और 11 शिक्षक




ठ्ठदीनानाथ साहनी, पटना जमालपुर (मुंगेर जिला) में एक विद्यालय में सिर्फ 30 छात्र हैं और शिक्षक 11। इसी जिले में 14 ऐसे विद्यालय हैं, जहां सिर्फ एक-एक शिक्षक हैं। जिस दिन शिक्षक नहीं आते उस रोज ऐसे विद्यालयों में शिक्षण कार्य ठप रहता है। यह बिहार में बुनियादी शिक्षा के हालात का नमूना भर है। रोचक यह कि जिलों में कार्यरत शिक्षा अधिकारियों को यह पता नहीं है कि दूर-दराज के गांवों में स्कूल किस तरह चल रहे हैं या फिर चल भी रहे हैं कि नहीं? जिलों में सिस्टम इस तरह कार्य कर रहा है कि कहीं आवश्यकता से अधिक शिक्षक हैं तो कहीं हैं ही नहीं। कमोबेश यही स्थिति पूरे बिहार की है। 38 जिलों में ऐसे 1357 विद्यालय हैं, जहां शिक्षकों के अभाव में विद्यालय बंदी के कगार पर हैं। मगर 433 ऐसे विद्यालय भी हैं जहां जरूरत से ज्यादा शिक्षक हैं। ऐसे शिक्षकों की मौज ही मौज है। हाल में शिक्षा विभाग के एक आला अफसर नालंदा जिले में निरीक्षण करने गए थे। जिले के माध्यमिक विद्यालयों में 35 फीसद शिक्षक गैरहाजिर पाए गए। इनमें अधिकांश ऐसे शिक्षक हैं जिन्हें हर माह 35 हजार रुपये या इससे अधिक तनख्वाह मिलती है। निरीक्षण संबंधी रिपोर्ट को विभाग के प्रधान सचिव को सौंपा गया तो वह भी हैरान रह गए।

Dainik Jagran National Edition 15-10-2012 Education PeJ-5

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