ठ्ठराजकेश्वर सिंह, नई
दिल्ली बीस
साल बाद देश की शिक्षा नीति फिर बदलेगी। नॉलेज इकोनॉमी में भारत को विश्व
हब बनाने का सपना देख रही सरकार अब नई चुनौतियों के मद्देनजर नई राष्ट्रीय
शिक्षा नीति बनाएगी। सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक और
प्रौद्योगिकी के
क्षेत्र में तेजी से हो रहे बदलावों के मद्देनजर नई शिक्षा नीति दुनिया के
एक्सीलेंस (उत्कृष्टता) के मापदंडों के लिहाज से होगी। देश
की नई शिक्षा नीति कैसी हो? उसकी
दशा और दिशा तय करने के लिए सरकार ने शिक्षा आयोग का गठन
कर दिया है। बीते दिनों हुए फेरबदल में मानव संसाधन विकास
मंत्रालय का प्रभार कपिल सिब्बल से भले ही छिन गया हो, लेकिन
फेरबदल से
पहले इस आयोग के गठन पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की मुहर लगवाने में वह कामयाब
रहे। नेशनल रिसर्च प्रोफेसर आंद्रे ब्रेते 15 सदस्यीय इस आयोग के चेयरमैन
होंगे। आयोग दो साल के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को देगा। इससे पहले 1966, 1986 और
1992 में
राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बदलाव किया गया था। सूत्रों
के मुताबिक नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति कई बदलावों को अंजाम देगी। मौजूदा
जरूरतों और वैश्विक चुनौतियों के लिहाज से शिक्षा नीति बनाने के क्रम
में समावेशी के साथ ही गुणवत्ता में तेजी से सुधार के उपायों पर फोकस होगा।
आयोग अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़े, अल्पसंख्यकों
और लड़कियों की शिक्षा
की रफ्तार बढ़ाने की राह भी सुझाएगा। अनिवार्य शिक्षा के अधिकार कानून
की चुनौतियों का आकलन करने के साथ ही बच्चों के सीखने-समझने की स्थिति
में सुधार पर खास जोर दिया जाएगा। इतना ही नहीं, विकेंद्रीकरण के मद्देजर
संवैधानिक प्रावधानों के तहत प्राइमरी, माध्यमिक, व्यावसायिक शिक्षा
और साक्षरता केंद्रों को चलाने में शहरी निकायों व पंचायती राज संस्थाओं
की भूमिका फिर से तय की जाएगी। नैतिक व संवैधानिक मूल्य शिक्षा का अभिन्न
हिस्सा कैसे बने? आयोग
उसका उपाय तो सुझाएगा ही, साथ
ही उच्च शिक्षा
में जवाबदेही के साथ स्वायत्तता को बढ़ावा देने के नीतिगत व वैधानिक रास्ते
भी बताएगा। विश्वविद्यालयों से कालेजों की संबद्धता के पुराने ढांचे
में बदलाव भी होगा।नई नीति में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कामगारों
को रोजगार पर खास फोकस के मद्देनजर स्कूली शिक्षा को उच्च शिक्षा से
जोड़ने, प्रोफेशनल
एजुकेशन, वोकेशनल
शिक्षा, स्किल
डेवलपमेंट और विश्वविद्यालयी
शिक्षा में तारतम्य स्थापित करने पर जोर होगा। सीखने-समझने के
लचीले तौर-तरीके और छात्रों को उनकी पसंद की पढ़ाई के ज्यादा अवसर मुहैया
कराए जाएंगे। यह
है नया शिक्षा आयोग प्रो आंद्रे ब्रेते नए शिक्षा आयोग के
अध्यक्ष हैं।
डॉ के श्रीनाथ रेड्डी, प्रो
मुस्तांसिर वर्मा, प्रो
रोनाल्ड पीटर डिसूजा, प्रो
नयनजोत लाहिड़ी, प्रो
एमपी सिंह, प्रो
गोपाल गुरु, प्रो
चारुशिता चक्रवर्ती, प्रो
श्याम मेनन, प्रो
जेबी तिलक, देवी
कार, ज्योति
बोस, डॉ
विमला रामचंद्रन, मनीष सब्बरवाल
और कैलीफोर्निया, यूनिवर्सिटी
आफ ब्रेकले के प्रो प्रणब बर्धन आयोग के सदस्य होंगे।
Dainik Jagran National Edition -6-11-2012 शिक्षा Page-3
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