पटना कृषि कैबिनेट ने रविवार को प्रदेश में वेटनरी यूनिवर्सिटी खोलने, तीन वर्ष में जमीन का सर्वे व बंदोबस्ती तथा पांच साल में चकबंदी का काम पूरा करने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी। ्रप्रस्ताव के अनुसार अत्याधुनिक तरीके से जमीन का नक्शा तैयार करने के लिए हवाई जहाज (एरियल सर्वे) का सहारा लिया जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में 5.11 लाख हेक्टेयर से जल-निकासी कर भूमि को कृषि योग्य बनाने के प्रस्ताव पर भी सहमति प्रदान कर दी। बैठक के बाद कृषि उत्पादन आयुक्त अशोक कुमार सिन्हा ने संवाददाताओं को बताया कि 14 समितियों के प्रतिवेदन के आधार बैठक में प्रस्तुतिकरण किया गया। इसके आधार पर ही कई बिंदुओं पर सहमति जताई गई। इससे पूर्व कृषि कैबिनेट की 26 अप्रैल व दूसरी बैठक 12 अगस्त को हुई थी, जिसमें कुछ विभागों के प्रतिवेदन पर सहमति जताई गई थी। कृषि कैबिनेट की एक और बैठक होगी। सिन्हा के अनुसार कृषि विभाग की मांग के आधार जल संसाधन विभाग ने गर्मा फसल मौसम में 44.90 लाख हेक्टेयर में सिंचाई सुनिश्चित करने का प्रतिवेदन दिया। इस पर कृषि कैबिनेट ने अपनी सहमति प्रदान की है। 5.11 लाख हेक्टेयर से जलनिकासी कर कृषि योग्य बनाया जाएगा। 70 मीटर गहराई के 12.14 लाख नलकूप लगाए जाएंगे। दक्षिण बिहार में 25400 अधिक गहराई के नए नलकूप लगेंगे। दस वषरें में 5 हजार आहर, पइन का जीर्णोद्धार होगा। कृषि क्षेत्र को पृथक फीडर से बिजली मिलेगी। पारम्परिक ऊर्जा स्रोत से 90 प्रतिशत व अपारम्परिक स्रोत से 10 प्रतिशत बिजली की व्यवस्था होगी। डीजल चालित निजी नलकूपों को बिजली से चलाया जाएगा। इससे सिंचाई लागत में कमी आएगी। चावल की भूसी से 100 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। बैठक में ऐसा महसूस किया गया कि जमीन का रिकार्ड अद्यतन नहीं होने के कारण कृषि संबंधित योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में कठिनाई होती है। इसके लिए तीन वषरें में राज्य के सभी जिलों की भूमि का सर्वे व बंदोबस्ती कार्य को पूरा किया जाएगा। इसमें आधुनिक तरीके को अपनाया जाएगा। हवाई जहाज से नक्शा तैयार होगा। इस कार्य में वषरें समय लगता है। इसी प्रकार पांच वषरें में चकबंदी कार्य को पूरा किया जाएगा। इससे पैदावार में वृद्धि होगी। किसानों द्वारा नलकूप व कृषि यंत्रों का उपयोग हो सकेगा। दस वर्ष में ट्री कवरेज 15 प्रतिशत होगा। तटबंधों के किनारे 10 हजार किलोमीटर में बांस लगाए जाएंगे। इससे नदियों से हो रहे कटाव को रोका जा सकेगा। सम्प्रति ग्रीन कवरेज 7 प्रतिशत है। पीपीपी मोड (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) पर तीन मेगा फूड पार्क स्थापित होंगे। सरकार 20 प्रतिशत अनुदान देगी। इससे फल, सब्जियों की बर्बादी को रोका जा सकेगा। चीनी में रिकवरी उन्नत प्रभेद के गन्ना व मिलों के आधुनिकीकरण से बढ़ाकर 13 प्रतिशत किया जायेगा जो 9 प्रतिशत है। कृषि कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री के अलावा उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह, राजस्व व भूमि सुधार मंत्री रमई राम, जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी, ग्रामीण विकास मंत्री डा.भीम सिंह, पशुपालन मंत्री गिरिराज सिंह, ग्रामीण कार्य मंत्री नीतीश मिश्र व सहकारिता मंत्री रामाधार सिंह के अलावा मुख्य सचिव नवीन कुमार, कृषि उत्पादन आयुक्त एके सिन्हा, मुख्यमंत्री के कृषि सलाहकार डा. मंगला राय आदि उपस्थित थे।
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